अधूरे खाबों का अधूरापन पूरा करना चाहती हूँ।
मैं अपने आप की तन्हाइयों से लड़ना चाहती हूँ।
जो पहले कभी नहीं किया, वो करना चाहती हूँ।
मैं अपने आप से बहुत प्यार करना चाहती हूँ।
खाली खाली क्यों हर पल लगता है मुझे,
अधूरा सा क्यों हर ख्वाब लगता है मुझे,
कुछ मीठी बातों से, कुछ मीठी यादों से
मैं इस खालीपन को भर देना चाहती हूँ।
एक खूबसूरत से अंजाम के साथ
इन ख्वाबो को पूरा कर देना चाहती हूँ।
पल पल इस डर से उबरना चाहती हूँ ,
मैं खुद से बहुत प्यार करना चाहती हूँ।
जो पहले कभी नहीं किया वो करना चाहती हूँ।
मैं अपने आप से बहुत प्यार करना चाहती हूँ।
मैं अपने आप की तन्हाइयों से लड़ना चाहती हूँ।
जो पहले कभी नहीं किया, वो करना चाहती हूँ।
मैं अपने आप से बहुत प्यार करना चाहती हूँ।
खाली खाली क्यों हर पल लगता है मुझे,
अधूरा सा क्यों हर ख्वाब लगता है मुझे,
कुछ मीठी बातों से, कुछ मीठी यादों से
मैं इस खालीपन को भर देना चाहती हूँ।
एक खूबसूरत से अंजाम के साथ
इन ख्वाबो को पूरा कर देना चाहती हूँ।
पल पल इस डर से उबरना चाहती हूँ ,
मैं खुद से बहुत प्यार करना चाहती हूँ।
मैं अपने आप से बहुत प्यार करना चाहती हूँ।