आज एक शंखनाद सा गूंजा हृदय में
और हम
छटपटा के रह गए.
क्या हुआ और क्या होना चाहिए था
इन विचारो में
हम कुछ भी न सोच पाए
और आखिरकार
हम फिर से उसी
दोराहे पर ही पहुँच पाए
जहाँ से हमने सफ़र
अपना शुरू किया था कभी..........
और हम
छटपटा के रह गए.
क्या हुआ और क्या होना चाहिए था
इन विचारो में
हम कुछ भी न सोच पाए
और आखिरकार
हम फिर से उसी
दोराहे पर ही पहुँच पाए
जहाँ से हमने सफ़र
अपना शुरू किया था कभी..........