आज एक शंखनाद सा गूंजा हृदय में
और हम
छटपटा के रह गए.
क्या हुआ और क्या होना चाहिए था
इन विचारो में
हम कुछ भी न सोच पाए
और आखिरकार
हम फिर से उसी
दोराहे पर ही पहुँच पाए
जहाँ से हमने सफ़र
अपना शुरू किया था कभी..........
और हम
छटपटा के रह गए.
क्या हुआ और क्या होना चाहिए था
इन विचारो में
हम कुछ भी न सोच पाए
और आखिरकार
हम फिर से उसी
दोराहे पर ही पहुँच पाए
जहाँ से हमने सफ़र
अपना शुरू किया था कभी..........
सुंदर अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteduvidha ki sthiti me aksar yahi hota hai. sunder prastuti.
ReplyDelete