मैं अनजानी सी राहों में , कुछ भूली भटकी राहों सी
कुछ सहमी सहमी रातों सी, कुछ घबरायी सी बातों सी
कुछ सहमी सहमी रातों सी, कुछ घबरायी सी बातों सी
हूँ तो मैं बहुत साधारण सी , फिर भी उलझे जज्बातों सी
कह दूं तो अथाह सागर हूँ, चुप रहूँ तो टूटती सासों सी
चुप रहूँ , तो टूटती सासों सी
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