मेरे हर एक सपने को जैसे किसी की नज़र लग जाती है,
मैं उन्हें संजोती हूँ बार बार , पर आखिरकार मेरे हाथ में सिर्फ हार ही आती है!
सपने बुनते बुनते मैं भूल जाती हूँ की वो सपने है,
हकीकत तब जान पाती हूँ, जब कोई मेरे टूटे सपनो से खेलता है,
जब उनके रंगो को मेरे मन के आंगन में बिखेरता है!
मैं सिर्फ उन रंगो में अतीत की परछाइयां तलाश करती हूँ,
अपने आप से ही अक्सर सवाल जवाब करती हूँ , कि क्यूँ'
मैं एक सपना टूटने के बाद फिर से ख्वाब बुनती हूँ,
जबकि मैं जानती हूँ कि ये ख्वाब भी शायद टूट जायेगा,
और मुझे फिर से बहुत रुलाएगा, तड्पाएगा
लेकिन अब मैं कोई ख्वाब नहीं देखना चाहती !
फिर से बिखरे रंगो को नहीं बटोरना चाहती,
नहीं देना चाहती किसी को अधिकार कि वो मेरे ख्वाबो से खेल सके,
मुझे अतीत के अन्धकार में धकेल सके,
जहाँ फिर से मैं अपने टूटे ख्वाबो के साथ अकेली हो जाऊं,
जहाँ से मुझे आगे अँधेरा ही अँधेरा नज़र आये
और मैं फिर से उन्ही अनजानी राहो में खो जाऊं!
नहीं देखना चाहती मैं कोई ख्वाब , नहीं देखना चाहती...
अधूरे ख्वाब
मैं उन्हें संजोती हूँ बार बार , पर आखिरकार मेरे हाथ में सिर्फ हार ही आती है!
सपने बुनते बुनते मैं भूल जाती हूँ की वो सपने है,
हकीकत तब जान पाती हूँ, जब कोई मेरे टूटे सपनो से खेलता है,
जब उनके रंगो को मेरे मन के आंगन में बिखेरता है!
मैं सिर्फ उन रंगो में अतीत की परछाइयां तलाश करती हूँ,
अपने आप से ही अक्सर सवाल जवाब करती हूँ , कि क्यूँ'
मैं एक सपना टूटने के बाद फिर से ख्वाब बुनती हूँ,
जबकि मैं जानती हूँ कि ये ख्वाब भी शायद टूट जायेगा,
और मुझे फिर से बहुत रुलाएगा, तड्पाएगा
लेकिन अब मैं कोई ख्वाब नहीं देखना चाहती !
फिर से बिखरे रंगो को नहीं बटोरना चाहती,
नहीं देना चाहती किसी को अधिकार कि वो मेरे ख्वाबो से खेल सके,
मुझे अतीत के अन्धकार में धकेल सके,
जहाँ फिर से मैं अपने टूटे ख्वाबो के साथ अकेली हो जाऊं,
जहाँ से मुझे आगे अँधेरा ही अँधेरा नज़र आये
और मैं फिर से उन्ही अनजानी राहो में खो जाऊं!
नहीं देखना चाहती मैं कोई ख्वाब , नहीं देखना चाहती...
अधूरे ख्वाब
do no follow your words
ReplyDeleteWhat does that mean? I didn't understand.
ReplyDeleteNanhe bhaiya pareshaan to nahin karte aapko? :)
ReplyDeleteNahi nahi, aisa kyon laga? This poem I wrote long back, published now.
ReplyDeleteजन्माष्टमी की शुभ कामनाएँ।
ReplyDeleteकल 23/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
A suggestion-
ReplyDeletePlease inactive the word verification in comments as it takes more time of reader to publish a comment on your post.
please follow this path -Login-Dashboard-settings-comments-show word verification (NO)
see this video to understand more-
http://www.youtube.com/watch?v=L0nCfXRY5dk
adhure khwabo ki puri rachna... sundar...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना....
ReplyDeleteख़्वाबों को हकीकत बनाओ ..सुन्दर रचना
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